Indo Canadian Launches Reclaim Swastika Marketing campaign: कनाडा में यहूदी विरोधी घटनाओं में वृद्धि के बाद कनाडाई अधिकारियों ने नाजी स्वस्तिक प्रतीक के इस्तेमाल के खिलाफ कदम उठाया था. इसको लेकर प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो जैसे नेताओं ने भी निंदा की है. हालांकि, अब इस प्रतीक को हिंदू पवित्र प्रतीक स्वस्तिक के साथ जोड़ने से रोकने और दोबारा हासिल करने के लिए इंडो-कनाडाई समुदाय संगठन ने एक अभियान शुरू किया है. इंडो-कनाडाई समुदाय ने स्वस्तिक के इस्तेमाल किए जाने पर आपराधिक आरोप को लेकर आपत्ति जताई है.
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास की ओर से किए गए आतंकवादी हमलों को लेकर कनाडा में 5 नवंबर को प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान यहूदी स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों को निशाना बनाया गया था. इसके अलावा स्वस्तिक के प्रतीक को भी प्रदर्शित किया गया था, जिस पर ट्रूडो ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि पार्लियामेंट हिल पर एक व्यक्ति की ओर से स्वस्तिक का प्रदर्शन अस्वीकार्य है. टोरंटो पुलिस ने भी स्वस्तिक को घृणा का प्रतीक बताया है और चेतावनी दी है कि इसके उपयोग के परिणामस्वरूप आपराधिक आरोप लग सकते हैं.
हिंदू संगठन ने स्वस्तिक को लेकर दी जानकारी
कनाडाई सरकार के स्वस्तिक चिह्न के खिलाफ उठाए गए कदम के बाद इंडो-कनाडाई समुदाय में चिंता पैदा हो गई है. इसको लेकर कैनेडियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन (COHHE) नामक संगठन ने अपना रिक्लेम स्वस्तिक अभियान शुरू किया है. टोरंटो पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन अधिकारियों को लिखे एक पत्र में COHHE ने बताया कि संस्कृत में स्वस्तिक शब्द का अर्थ सभी की शुभता और भलाई है. स्वस्तिक प्रतीक बहुत पवित्र है.
Our #ReclaimSacredSwastika marketing campaign wants your assist to get the message to all police forces and politicians throughout Canada to decriminalize our Sacred Swastika.
We ask all Hindus, Buddhists, Jains and our allies TO REPLY WITH A POST OF A PHOTO OF THE SACRED SWASTIKA inside… pic.twitter.com/Mt9lwmveKC
— CohheOfficial (@CohheOfficial) November 19, 2023
ये हमारे मंदिरों, घरों और व्यवसायों में पूजा अनुष्ठानों के दौरान बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है .CoHHE बोर्ड की सदस्य रुचि वाली ने कहा, “स्वस्तिक नफरत का प्रतीक नहीं है, ये हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्राचीन और पवित्र प्रतीक है.
स्वस्तिक हिंदू समेत कई धर्मों को प्रतीक
कैनेडियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन ने जानकारी दी कि नाज़ियों ने कभी भी स्वस्तिक का इस्तेमाल नहीं किया और वे झुके हुए क्रॉस या हेकेन क्रूज़ का प्रयोग करते थे. स्वस्तिक को गलत तरीके से नाजी प्रतीक के साथ जोड़ा गया है. स्वस्तिक को नफरत का प्रतीक कहना अत्यंत हिंदू-विरोधी है, जबकि यह शांति और समृद्धि का प्रतीक है.”
इजरायल और यहूदी मामलों के केंद्र (CIJA) के उपाध्यक्ष जनरल काउंसिल रिचर्ड मार्सेउ ने कहा कि स्वस्तिक के नाज़ी संस्करण ने हाल ही में देश भर में कई घृणा रैलियों में अपना बदसूरत सिर उठाया है. हालांकि, हम ये भी मानते हैं कि स्वस्तिक हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों और पारसियों के लिए एक पवित्र प्रतीक है. हिंदू प्रतीक की प्राचीन और समृद्ध विरासत का न केवल सम्मान किया जाए, बल्कि इसे नस्लवाद और नफरत में इस्तेमाल किए जाने से रोका जाए.
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