Ayatollah Ali Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार (31 जुलाई) को हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या पर इजरायल से बदला लेने की कसम खाई. खामेनेई ने कहा कि ईरान की राजधानी तेहरान में सुबह तड़के हवाई हमले में हमास के चीफ इस्माइल हनिया की मौत के बाद इजरायल ने अपने लिए कठोर सजा तैयार कर ली है.
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “हम उसका बदला लेना अपना फर्ज समझते हैं. उन्होंने कहा कि हमास के चीफ इस्माइल हनिया हमारे घर में एक प्रिय अतिथि थे.
ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को ठहराया जिम्मेदार
ईरान ने कहा कि हमास नेता इस्माइल हनिया की बुधवार को तेहरान में तड़के सुबह एक हवाई हमले में मौत हो गई. उन्होंने इस हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया. इस हत्या से संघर्ष बढ़ने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जबकि अमेरिका और अन्य देश एक क्षेत्रीय युद्ध को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
Following this bitter, tragic occasion which has taken place throughout the borders of the Islamic Republic, it’s our responsibility to take revenge.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) July 31, 2024
तेहरान में क्या कर रहे थे हनिया
हालांकि, इस मामले में इज़रायल की ओर से तत्काल कोई बयान सामने नहीं आया है, जिसने दक्षिणी इज़रायल पर 7 अक्टूबर को समूह के हमले के बाद हनिया और अन्य हमास नेताओं को मारने की कसम खाई है. ईरान ने कहा कि यह हमला ठीक उस समय हुआ जब इस्माइल हनिया तेहरान में ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
जानिए कौन हैं इस्माइल हनिया?
इस्माइल हनिया हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो के प्रमुख थे. वे फ़लस्तीनी प्राधिकरण की 10वीं सरकार के प्रधानमंत्री थे. इस बीच हनिया का निकनेम अबू-अल-अब्द है. हनिया का जन्म फलस्तीनी शरणार्थी शिविर में हुआ था. जहां इसराइल ने हनिया को साल 1989 में 3 साल के लिए क़ैद कर लिया था. इसके बाद उन्हें हमास के कई नेताओं के साथ मार्ज-अल-ज़ुहुर निर्वासित कर दिया गया था. यह इसराइल और लेबनान के बीच एक नो-मेंस लैंड हैं. वहां पर हमास चीफ इस्माइल हनिया 1 साल तक रहे थे. जिसके बाद वो वापस गजा लौट आए.
हमास ने 16 फ़रवरी 2006 में इस्माइल हनिया को फ़लस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री घोषित किया था. मगर, 1 साल बाद ही फ़लस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया.
ये भी पढ़ें: सस्ता होगा लाइफ इंश्योरेंस? नितिन गडकरी ने निर्मला सीतारमण को लिखी चिट्ठी, हो सकता है बड़ा फैसला