India Chabahar Port: भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर हुए समझौते को पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल, ईरान और भारत के बीच सोमवार (13 अप्रैल) को चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए समझौता हो गया. इस डील को लेकर भारत के शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल तेहरान पहुंचे थे.
इस समझौते के मुताबिक अगले 10 सालों के लिए रणनीतिक तौर पर चाबहार पोर्ट पर भारत का नियंत्रण होगा. इस पोर्ट के प्रबंधन के लिए ईरान के साथ समझौते पर एमओयू साइन हो गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बजरपाश इस दौरान मौजूद रहे.
भारत और ईरान के बीच इस समझौते के अनुसार चाबहार के शाहिद बेहिश्ती बंदरगाह के सामान्य कार्गो और कंटेनर टर्मिनलों के संचालन पर अब भारत का अधिकार रहेगा.
10 साल तक चाबहार पोर्ट पर भारत-ईरान के बीच हुआ एग्रीमेंट
इस दौरान केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, 23 मई, 2016 को शुरू हुआ महत्वपूर्ण समझौता आज एक लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रेक्ट में बदल रहा है, जो भारत और भारत के बीच स्थायी विश्वास और निर्भर साझेदारी का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि ईरान में आज हमने शाहिद-बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल के संचालन के लिए लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रेक्ट फाइनल कर लिया गया है.
#WATCH | Union Minister of Ports, Delivery and Waterways Sarbananda Sonowal says, ” Beneath the management of PM Modi, the momentous settlement that started on twenty third Could, 2016, is culminating at this time right into a long run contract, symbolising the enduring belief and relying partnership… pic.twitter.com/qDMSxxbwcC
— ANI (@ANI) May 13, 2024
पहली बार बंदरगाह का प्रबंधन भारत के हाथ में
भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर हुए इस कदम को भारत के लिए ईरान और मध्य एशिया में भूराजनीतिक पहुंच के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब भारत विदेश की धरती पर किसी पोर्ट का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा. चाबहार पोर्ट के जरिए ईरान और मध्य एशिया समेत यूरेशियन क्षेत्र में भारत की कनेक्टिविटी मजबूत होगी.
चाबहार पोर्ट PM मोदी की थी महत्वाकांक्षी परियोजना
दरअसल, चाबहार पोर्ट की परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना के तौर पर जाना जाता है. साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार पोर्ट को विकसित किए जाने को लेकर समझौता हुआ था. इसके बाद साल 2018 में जब ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति हसन रुहानी नई दिल्ली आए तो चाबहार बंदरगाह पर भारत की भूमिका पर बातचीत हुई थी. वहीं, साल 2014 में विदेश मंत्री एस जयशंकर की तेहरान यात्रा के दौरान भी चाबहार पोर्ट का मुद्दा प्रमुखता से उठा था.
ये भी पढ़ें: Chabahar Port: भारत-ईरान के बीच आज होगा बड़ा समझौता, पाकिस्तान को लगेगा बड़ा झटका