Chinese language President Warn Taiwan: चीन और ताइवान के बीच बीते काफी समय से टकराव जारी है. इसको लेकर दोनों देशों के प्रमुख बयानबाजी करते नजर आते हैं. हाल ही में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक माओत्से तुंग के जन्म की 130वीं वर्षगांठ के अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दावा किया है कि ताइवान का चीन के साथ मिलना जरूरी है और वो इसे किसी भी कीमत पर अलग होने नहीं देंगे. CNN की रिपोर्ट के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान ऐसे समय आया है, जब ताइवान में अगले महीने 13 जनवरी को राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ऐलान के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि चीन ताइवान में चुनाव होने से पहले उस पर मानसिक दबाव बनाना चाहता है. इसके अलावा वो ताइवान को उकसाने की भी कोशिश कर रहा है.
ताइवान को कई मौकों पर उकसाया गया
शी जिनपिंग के तरफ से ताइवान के खिलाफ दिए गए बयान पर कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन ताइवान पर हमला करने की तैयारी में जुटा हुआ है. इससे पहले चीन ने कई बार अपनी तरफ से फाइटर जेट को ताइवान के समुद्री इलाके पास भेजा है और ताइवान को उकसाने की कोशिश की है. इसी साल जून के महीने में चीन ने 8 फाइटर जेट को ताइवान के समुद्री सीमा के लगभग 44 किमी अंदर तक भेज दिया था.
इसके अलावा पिछले साल सितंबर में 17 चीनी एयरक्राफ्ट (Chinese language Plane) और चार जंगी जहाजों ने ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन किया था. चीन की हरकतों से परेशान आकर ताइवान अपने 45 सैन्य ठिकानों पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिए हैं.
अमेरिका का ताइवान को मदद
ताइवान और चीन की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने ताइवान का भरपूर साथ दिया है. उन्होंने इस मुद्दे पर चीन को कई बार चेतावनी भी दी है. हालांकि, इसके बावजूद चीन ने अमेरिका से ताइवान को किसी भी तरह के सैन्य सहायता न देने की बात कही है. लेकिन अमेरिका ने चीन की बातों को गंभीरता न लेते हुए साल 2023 में 345 मिलियन डॉलर के सैन्य सहायता पैकेज देने की घोषणा की है.
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