सिविलियन एस्ट्रोनॉट्स ने भी फिनटेक अरबपति जेरेड इसाकमैन के नेतृत्व में स्पेसएक्स पोलारिस डॉन मिशन (SpaceX Polaris Daybreak mission) में हिस्सा लिया. इसने लगभग 1,400 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल की, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से करीब तीन गुना ज्यादा है.
कब हुआ लॉन्च?
स्पेसएक्स पोलारिस डॉन मिशन को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से मंगलवार (10 सितंबर) को लॉन्च किया गया था. स्पेसएक्स के साथ मिलकर इसाकमैन ने पृथ्वी से सैकड़ों मील ऊपर इस बेहद साहसिक कार्य को अंजाम दिया. जिसका एक वीडियो भी स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है.
SpaceX and the Polaris Daybreak crew have accomplished the primary industrial spacewalk!
“SpaceX, again at dwelling all of us have plenty of work to do, however from right here, Earth positive seems to be like an ideal world.” — Mission Commander @rookisaacman throughout Dragon egress and seeing our planet from ~738 km pic.twitter.com/lRczSv5i4k
— Polaris (@PolarisProgram) September 12, 2024
कैसे दिया मुश्किल काम को अंजाम?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेरेड इसाकमैन और उनकी टीम ने हैच को खोलने से पहले अपने कैप्सूल के प्रेशर के कम होने का काफी देर तक इंतजार किया. इस दौरान टीम के चारों लोगों ने वैक्यूम से खुद की रक्षा करने के लिए स्पेसएक्स के नए स्पेसवॉकिंग सूट पहने हुए थे.
कितनी देर चला स्पेसवॉक?
ये स्पेसवॉकिंग टेस्ट करीब दो घंटे तक चला जिसमें चलने से ज्यादा स्ट्रेचिंग की गई. प्लानिंग ये थी कि जेरेड इसाकमैन कैप्सूल से बाहर आएंगे, लेकिन उन्हें पूरा समय अपने हाथ या पैर को कैप्सूल से ही जोड़कर रखना था. अपने हाथों और पैरों को मोड़कर वो ये देखना चाहते थे कि नया स्पेससूट कैसा है. मदद के लिए हैच में वॉकर जैसी संरचना की भी सुविधा थी.
क्या होता है स्पेसवॉक?
जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में किसी यान से बाहर निकलता है तो उसे स्पेसवॉक कहते हैं. स्पेसवॉक को EVA भी कहा जाता है यानी कि एक्स्ट्राव्हीक्यूलर एक्टिविटी. हालांकि, ये कई बार भारी मुसीबत का रूप भी धारण कर लेता है, इसलिए इसे बेहद सावधानी के साथ ही अंजाम दिया जाता है.
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